Maharana Pratap Love Story in Hindi

महाराणा प्रताप को एक महान भारतीय योद्धा के रूप में माना जाता है जिन्होंने मुगलों से लड़ाई लड़ी थी। लेकिन उनकी लव स्टोरी के बारे में कम ही लोग जानते हैं। महाराणा प्रताप का प्रेम जीवन वीरता, निःस्वार्थता और दुःख से भरा हुआ था। हम इस निबंध में महाराणा प्रताप और उनके प्रिय अजबदे ​​के बीच रोमांस पर विस्तार करेंगे।

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परिचय

1540 में, महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुम्भलगढ़ किले में हुआ था। वह रानी जीवन कंवर के पुत्र और महाराणा उदय सिंह द्वितीय की सबसे बड़ी संतान थे। महाराणा प्रताप एक वीर योद्धा थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन मुगलों से लड़ते हुए बिताया। लेकिन उनकी प्रेम कहानी उनके जीवन के एक अलग पहलू का प्रतिनिधित्व करती है जिसे अक्सर भुला दिया जाता है।

महाराणा प्रताप का प्रारंभिक जीवन

महाराणा प्रताप की वीर और दृढ़ माता रानी जीवन कंवर ने उनका पालन-पोषण किया। उन्होंने अपने बेटे को बहुत कम उम्र से ही बहादुरी और साहस के गुण सिखाए। कम उम्र से ही महाराणा प्रताप को घुड़सवारी, शिकार और तलवारबाजी की शिक्षा मिली। एक छोटे बच्चे के रूप में भी वह एक कुशल योद्धा थे।

महाराणा प्रताप और अजबदे ​​का मिलन

महाराणा प्रताप की मुलाकात अजबदे ​​से कम उम्र में हुई थी। अजबदे ​​आमेर के राजा भारमल की पुत्री थी। महाराणा प्रताप अजबदे ​​की सुंदरता और उनकी बहादुरी पर फिदा थे। अजबदे ​​भी महाराणा प्रताप की वीरता और साहस से प्रभावित थे।

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महाराणा प्रताप और अजबदे ​​की प्रेम कहानी

अजबदे ​​और महाराणा प्रताप को एक दूसरे से प्यार हो गया। कुम्भलगढ़ किले के बगल के जंगली इलाके में वे छुप-छुप कर मिलते थे। अजबदे ​​को महाराणा प्रताप से उपहार मिलते थे, और वे घंटों बातचीत करते थे।

हालाँकि, उनकी प्रेम कहानी होने का मतलब नहीं था। महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने बाद के संघ को एक अलग क्षेत्र की राजकुमारी के साथ जोड़ा। अपने टूटे हुए दिल के बावजूद, महाराणा प्रताप को अपने पिता के निर्देशों का पालन करना पड़ा।

महाराणा प्रताप और अजबदे ​​का विवाह

महाराणा प्रताप ने अपनी राजकुमारी दुल्हन से विवाह किया लेकिन वे अजबदे ​​को नहीं भूल सके। कुछ साल बाद महाराणा प्रताप को खबर मिली कि अजबदे ​​की शादी दूसरे राजकुमार से हो रही है। अजबदे ​​का किसी और से विवाह करने का विचार महाराणा प्रताप को सहन नहीं हुआ। उसने आखिरी बार जाकर उससे मिलने का फैसला किया।

प्रेम कहानी का दुखद अंत

महाराणा प्रताप आखिरी बार अजबदे ​​से मिलने गए। वे कुंभलगढ़ किले के पास जंगलों में मिले। उन्होंने कुछ घंटे साथ बिताए और फिर महाराणा प्रताप को जाना पड़ा। अजबदे ​​ने उन्हें एक पत्र दिया और कहा कि घर पहुँचने के बाद इसे पढ़ना। महाराणा प्रताप चले गए लेकिन वे पत्र पढ़ने के लिए इंतजार नहीं कर सके। उसने वापस रास्ते में उसे खोला और यह पढ़कर चौंक गया कि अजबदे ​​ने आत्महत्या कर ली है। वह किसी और से शादी करने का विचार सहन नहीं कर पा रही थी।

महाराणा प्रताप का दिल पसीज गया। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि अजबदे ​​चला गया है। वह सदमे की स्थिति में चला गया और इस त्रासदी से उबरने में उसे काफी समय लगा। वह अजबदे ​​और उसके लिए उसके प्यार को कभी नहीं भूले।


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